Wednesday 16 December 2020

17) कैसे बचें उपभोक्ता धोरवाधड़ी से

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17) कैसे बचें उपभोक्ता धोरवाधड़ी से

 

1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए:

 

1. उत्पादन किस तरह ग्राहकों को प्रभावित करते हैं?

उत्तर:  उत्पादक कई बार कई प्रकार के लुभावने विज्ञापनों द्वारा ग्राहकों को प्रभावित करते हैं |



 

2. उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए सरकार ने 1986 में कौन सा कानून लागू किया?

उत्तर:  उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए सरकार ने 1986 में उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू किया |

 

3. ग्राहकों को किस तरह अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है?

उत्तर:  रेडियो और टेलीविजन आदि में विज्ञापनों आदि के माध्यम से ग्राहकों को उनके अधिकारों के बारे जागरूक किया जाता है |

 

4.  कितने रुपए तक के क्लेम के लिए उपभोक्ता जिला   सत्र पर न्याय की गुहार लगा सकता है?

उत्तर:  20 लाख रुपये तक के क्लेम के लिए उपभोक्ता जिला सत्र के उपभोक्ता संरक्षण आयोग में न्याय की गुहार कर सकता है |

 

5. 20 लाख रुपए से अधिक के क्लेम के लिए उपभोक्ता को अपनी शिकायत कहां दर्ज करवानी चाहिए?

उत्तर: 20 लाख से अधिक के क्लेम के लिए राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग में शिकायत दर्ज की जा सकती है |

6 एक करोड रुपए से अधिक के क्लेम के लिए उपभोक्ता को अपनी शिकायत कहां दर्ज करवानी चाहिए?

 

 

उत्तर:  1 करोड से अधिक के क्लेम के लिए उपभोक्ता को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण आयोग में शिकायत दर्ज करवानी चाहिए |

 

7. उपभोक्ता को अपने अधिकारों के हनन की शिकायत कितने वर्षों के भीतर करनी चाहिए?

उत्तर:  यह बात विशेष रुप से ध्यान में रखनी चाहिए कि उपभोक्ता को शिकायत अधिकारों के हनन के 2 वर्ष के भीतर ही करनी होती है |

 

8. क्या गरीबी रेखा से नीचे के कार्डधारक उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करवाने के लिए फीस अदा करनी पड़ती है?

उत्तर:  नहीं बीपीएल कार्ड धारक उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करने के लिए किसी तरह की फीस नहीं देनी पड़ती है |

 

9.  उपभोक्ता अधिकांश तौर पर सामान खरीदते समय बिल क्यों नहीं लेते?

उत्तर:  अधिकांश उपभोक्ता वैट बचाने के चक्कर में बिल लेने के लिए तैयार हो जाते हैं |

 

10. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर क्या है?

उत्तर:  उपभोक्ता नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1800114000 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है | यह टोल फ्री नंबर है जिस पर 9:00 से 5:30 तक शिकायत दर्ज कराई जा सकती है |

 

2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए:

 

1. उपभोक्ता किसे कहते हैं?

 

उत्तर:  सरकार द्वारा पारित 1986 के उपभोक्ता संरक्षण कानून के अनुसार वह हर एक व्यक्ति उपभोक्ता है, जो किसी वस्तु या सेवा पाने के बदले धन का भुगतान करता है | इस कानून के अनुसार जिसे सुरक्षा का, जानकारी होने का , उत्पाद चुनने का , सुनवाई का और शिकायत निवारण आदि  का अधिकारी होता है वह उपभोक्ता ही होता है |

 

2. उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 के अनुसार उपभोक्ता के कौन कौन से अधिकार हैं?

उत्तर:  उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए भारत सरकार ने 1986 में उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू किया है | इस कानून के अनुसार उपभोक्ता के रूप में उसे कुछ शिकायत निवारण तथा सुरक्षा के अधिकार भी प्राप्त होते हैं | इन सभी अधिकारों को पाने के लिए ग्राहक को जागरुक होकर अपना सरंक्षण प्राप्त करना होता है |

 

3. उपभोक्ता से यदि नियम की गई कीमत से ज्यादा कीमत वसूली जाती है तो उसे क्या करना चाहिए?

उत्तर:  कई बार दुकानदार अपने उत्पाद पर लेबल या  स्टिकर लगा कर उसे बाजार भाव से ज्यादा कीमत पर बेचता है , ऐसा करना उपभोक्ता अधिकारों का हनन है | अगर उपभोक्ता को रेलवे, ट्रेन, एयरपोर्ट या बस स्टैंड पर किसी भी सामान को एमआरपी से अधिक कीमत पर बेचा जाता है , तो व्यक्ति अपने उपभोक्ता अधिकारों का प्रयोग करके शिकायत कर सकते हैं |

 

4. उपभोक्ता अपनी शिकायत ऑनलाइन किस तरह दर्ज करवा सकता है?

उत्तर:  अगर उपभोक्ता चाहे तो इंटरनेट के जरिए कोर सेंटर में भी शिकायत कर सकता है | इसके लिए उपभोक्ता www.core.nic.in पर लॉग-इन करके कंप्लेंट रजिस्ट्रेशन पर एक क्लिक द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है | शिकायत दर्ज होने के बाद उपभोक्ता को ऑनलाइन ही शिकायत क्रमांक प्राप्त हो जाता है और 72 घंटे के भीतर ही आगे की कार्यवाही संपादित की जाती है |

3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 6 या 7 पंक्तियों में दीजिए:

 

1. आयोग के पास उपभोक्ता के अधिकारों के उल्लंघन के किस किस तरह के मामले आते हैं?

 

उत्तर:  उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन के ऐसे मामले भी सामने आते हैं , जिनमें कंपनियां आकर्षक  व्याज दर या कुछ समय में धन दोगुणा करने की स्कीम का भ्रामक विज्ञापन देती है और उपभोक्ता उनके जाल में फंसकर नुकसान उठाता है | कई बार एक ही फ्लैट 2-2 लोगों को आबंटित कर दिया जाता है और असली हकदार को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है | कई बार बैंक बिना कारण बताए ग्राहक का अकाउंट फ्रीज कर देते हैं , जिसकी वजह से ग्राहक को वित्तीय लेन-देन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है | इस प्रकार के यह सारे मामले आयोग के पास उपभोक्ता लेकर जा सकता है |

 

2. उपभोक्ता को सामान खरीदते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर:  उपभोक्ता अगर सचेत रहें और सामान खरीदते समय इन कुछ बातों का ध्यान रखें तो ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं |

1) उपभोक्ता केवल वही उत्पाद खरीदे जिस पर एक एगमार्क का लोगो हो |

2) उत्पाद खरीदते समय उत्पाद पर बैच नंबर या लॉट नंबर भी अवश्य जांच लें |

3) पैकिंग की तारीख , उत्पाद का वजन , किस तारीख से पहले प्रयोग उचित रहे अवश्य देखें |

4. कोई भी सामान खरीदते समय बिल लेना ना भूले |

5. उत्पाद विज्ञापन के आधार पर लेने की बजाय उसकी गुणवत्ता परख कर ले |

6. उत्पाद खरीदते समय ध्यान रखें कि पैकेट खुले तथा फटे ना हो |

7. उत्पाद के साथ मिलने वाले ग्रंटी/ वारंटी कार्ड पर दुकानदार के हस्ताक्षर अवश्य करवा ले |