Wednesday, 16 December 2020

11. वह चिड़िया एक अलार्म घड़ी थी...

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11. वह चिड़िया एक अलार्म घड़ी थी...

 

1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए:

 

1.  बाजार में अलार्म घड़ियों की मांग क्यों घटने लगी है?

उत्तर:  अब मोबाइल अलार्म उपलब्ध रहने से अलार्म घड़ियों की बाजार में मांग घटने लगी है, यद्यपि एक समय घरों में अलार्म घड़ी महत्वपूर्ण वस्तु हुआ करती थी |



 

2. लेखक को कॉलेज में पुरस्कार में कौन सी घड़ी मिली थी?

उत्तर:  लेखक को कॉलेज में एक निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने पर अलार्म घड़ी मिली थी |

3. लेखक को कविताओं में डूबे रहना कैसा लगता था?

उत्तर:  लेखक को सुबह का सौंदर्य केवल कविता में ही अनुभव हुआ करता था और नई नई नौकरी लग जाने पर अपने एकांतवास में राते जाग जाग कर बिताना, कविताएं लिखना और कविताओं में डूबे रहना लेखक को मानो स्वर्ग में जीने जैसे लगता था |

4. चिड़िया कमरे में दीवार पर लगी किसकी तस्वीर के पीछे अपना घोंसला बनाने लगी थी?

उत्तर:  लेखक ने अपने कमरे में महादेवी, पंत तथा निराला जी की तस्वीरें टांग रखी थी, कब एक चिड़िया कमरे में आकर दीवार पर लगी पंत जी की तस्वीर के पीछे अपना घोंसला बनाने लगी जिसका लेखक को पता ही नहीं चला |

 

5. लेखक अपनी कौन सी दुनिया में खोया रहता था कि चिड़िया की तरफ ध्यान ही नहीं देता था?

उत्तर:  लेखक अपनी किताबों की दुनिया में ही खोया रहता था और इसी कारण चिड़िया की तरफ ध्यान ही नहीं देता था |

 

6. लेखक के लिए अब अलार्म घड़ी कौन थी?

उत्तर:  लेखक के लिए अब अलार्म घड़ी वह चिड़िया थी जो प्रात:काल उसके कमरे का द्वार खुलवाने के लिए लेखक के पलंग के सिरहाने बैठकर चहचहाती |

 

 

7. चिड़िया ने लेखक को कौन सा रत्न दिया था?

उत्तर:  रविंद्रनाथ की डिबिया की तरह उस चिड़िया ने भी डिबिया खोलकर लेखक को उषा सुंदरी के रतन दिखा दिए थे, जिसका यह उपकार लेखक ने कभी नहीं   भूलाया |

 

2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन चार पंक्तियों में दीजिए:

 

1. पहले किन किन अवसरों पर घड़ी देने की   प्रमरा थी?

उत्तर:  परीक्षा में पास होने पर और कॉलेज में दाखिला होने पर बच्चों को कलाई घड़ी दी जाती थी | शादी में दूल्हे को ससुराल पक्ष वाले भी घड़ी अवश्य देते थे | कई सरकारी विभागों में सेवानिवृत्ति पर भी घड़ी देने की परंपरा थी|

 

 

2. जिन दिनों लेखक के पास गाड़ी नहीं थी तब उनके पिता जी क्या कहा करते थे?

उत्तर:  जिन दिनों लेखक के पास कोई घड़ी नहीं थी, तब पिता जी कहा करते थे कि तुम्हें सुबह जितने बजे भी उठना हो, तुम अपने तकिए से कह कर सो जाओ कि सुबह मुझे इतने बजे उठा देना | बस फिर तुम्हारी नींद सुबह इतने ही बजे खुल जाएगी | लेखक ने बचपन में कितनी बार इस फार्मूले को अपनाया था और सही पाया था |

 

3. शाम को चिड़िया लेखक के कमरे में कैसे पधार जाती थी?

उत्तर:  लेखक ने एक कमरा किराए पर ले लिया था | उस कमरे में एक दरवाजा ही था | उसमें ना कोई खिड़की और ना कोई रोशनदान था | शाम को देर तक लेखक के कमरे का दरवाजा खुला रहता था, इसलिए वह चिड़िया   आराम से लेखक के कमरे में  निमृत अपने घोंसले में   जाया करती थी |

 

 

उत्तर:  रोज सुबह-सुबह चिड़िया लेखक के पलंग के सिरहाने बैठकर एक अलग तरह की झुंझलाहट से भरी ची -ची करके ऐसे   चहचहाती थी , मानो उसे लेखक के   उठने पर नाराजगी हो | चिड़िया के चहचहाने  पर भी जब लेखक की नींद नहीं खुलती थी तो चिड़िया बार-बार पलंग के सिरहाने आकर फुदकती और अपनी   तीव्र ध्वनि से कमरे को गुंजाने लगती |

 

5. लेखक ने चिड़िया की तुलना मां से क्यों की है?

उत्तर:  लेखक ने चिड़िया की तुलना मां से इसलिए की है, क्योंकि एक  मां ही बड़े प्यार और दुलार से अपने  बच्चे को प्रात : काल उठाने का उपक्रम करती है | लेखक को भी तब अपनी मां की याद गई जब एक प्रात: चिड़िया उसकी रजाई का कोना अपनी चोंच से खींचकर अपनी चहचहाहट से उसे जगाने की चेष्टा कर रही थी |

 लेखक को तत्काल समरन हो गया कि बचपन में इतने प्यार और इतनी ही झुंझलाहट से देर तक सोने पर उसकी मां ही उसे जगाती थी और अब वही काम यह चिड़िया करती है |

 

3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 6- 7 पंक्तियों में दीजिए:

 

1. 'वह चिड़िया एक अलार्म घड़ी थी' कहानी के द्वारा लेखक क्या संदेश देना चाहता है?

उत्तर: 'वह चिड़िया एक अलार्म घड़ी थी' इस कहानी के माध्यम से लेखक यही संदेश देना चाहता है कि मनुष्य की  आदतें चिरस्थाई होती है जो सहजता से नहीं बदलती | लेकिन कभी-कभी जब दूसरे उसे बदलने की चेष्टा करें तो उसमें वे सफल भी हो जाते हैं | इस कहानी के लेखक को भी देर तक सोए रहने की आदत थी और वह अपनी इस आदत से मजबूर भी था | परंतु उसे एक छोटी सी चिड़िया ने उसे प्रात: काल उठाने का उपक्रम करके उसकी इस आदत को बदल दिया | इस प्रकार जब चिड़ियां प्रात : काल उसे उठाती तो लेखक को भी सुबह की ताजा हवा का अहसास होने लगा और उसने सुबह सुबह उठने की आदत डाल ली |

 

 

2. चिड़िया द्वारा लेखक को जगाए जाने के प्रयास को अपने शब्दों में लिखिए?

उत्तर:  लेखक के लिए चिड़िया ने तो सचमुच एक अलार्म का काम किया |  वह उसे एक मां की  भक्ति प्रात : काल उसी प्रकार उठाने की चेष्टा करती जैसे बचपन में देर तक सोने के कारण झुंझलाहट में भरकर उसकी मां जगाती थी | चिड़िया प्रतिदिन सुबह लेखक की रजाई का कोना अपनी चोंच से खींचकर अपनी चहचहाहट से उसे जगाने का भरसक प्रयत्न करती | लेखक ने  खुद इस बात को स्वीकार किया है कि चिड़िया मेरी अलार्म घड़ी थी, जो मुझे अपने साथ सुबह जगा लेती थी |  वह पलंग के सिरहाने या मेरी रजाई पर बैठकर मधुर चहचहाहट से मुझे जगाने की भरसक चेष्टा करती  है|