Wednesday, 16 December 2020

7) पंच परमेश्वर

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7) पंच परमेश्वर






















































 

1)  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए:

 

1. जुम्मन शेख की गाड़ी मित्रता किसके साथ थी?

1. जुम्मन शेख की पक्की मित्रता अलगू चौधरी के साथ थी |


 

2. रजिस्ट्री के बाद   जुम्मन का व्यवहार खाला के प्रति कैसा हो गया था?

2. रजिस्ट्री के बाद यमन और उसके परिवार का व्यवहार खाला के प्रति बड़ा कठोर हो गया | जुम्मन की पत्नी भी उसे कटु वचन बोलने लग पड़ी |

 

3. खाला ने जुम्मन को क्या धमकी दी थी?

3. के कठोर व्यवहार से तंग आकर खाला ने पंचायत करने की धमकी दी |

 

4. बूढ़ी खाला ने पंच किसको बनाया था?

4. बूढ़ी खाला ने जो मन के विरुद्ध अलगू चौधरी को सरपंच बनाया |

 

5. अलगू के पंच बनने पर जुम्मन को किस बात का पूरा विश्वास था?

5.     अलगू के पंच बनने पर जुम्मन को पूरा विश्वास था कि फैसला उसी के पक्ष में होगा|

6.   अलगू ने अपना फैसला किसके पक्ष में दिया था?

6.  अलगु चौधरी ने दोनों की दलीलें सुनने के पश्चात फैसला खाला के पक्ष में दिया |

 

7. एक बैल के मर जाने पर अलगू ने दूसरे बैल का क्या किया?

7. जब अलगू की बैलों की जोड़ी में से एक बैल मर गया तो अलगू  ने दूसरा बैल समझू साहु को बेच दिया |

 

8.  समझू साहू ने बैल का कितना दाम चुकाने का वादा किया?

8.   समझू साहू ने बैल का दाम डेढ़ ₹100 देने का वादा किया |

9.  पंच परमेश्वर की जय जयकार किस लिए हो रही थी?

9. जुम्मन शेख ने पंच बनकर जब  अलगू चौधरी के पक्ष में अपना निर्णय दिया तो अलगू चौधरी फूले समाए और वह जोर से बोले पंच परमेश्वर की जय | इसके साथ ही चारों और प्रतिध्वनि हुई पंच परमेश्वर की जय |

 

 2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन चार पंक्तियों में दीजिए:

 

1.  जुम्मन और उसकी पत्नी द्वारा खाला की खातिरदारी करने का क्या कारण था?

1. खाला जान के पास कुछ थोड़ी सी मिलकियत थी और जुम्मन शेख उसे हथियाना चाहता था | जब तक वह मिलकियत अपने नाम नहीं करवा सके तब तक जुम्मन शेख तथा उनकी पत्नी क्रीमन खालाजान का खूब आदर सत्कार किया करते थे | हलवे पुलाव खिला कर उन्हें  तृप्त किया जाता था | पर  रजिस्ट्री की  मोहर ने   खातिरदारीयों पर मुहर लगा दी |

 

2. बूढ़ी खाला ने पंचों से क्या विनती की?

2. बूढ़ी खाला ने पंचों को स्पष्ट शब्दों में कहा "पंचों ,  आज 3 साल हुए, मैंने अपनी सारी जायदाद अपने भांजे जुम्मन  के नाम लिख दी थी | इसे आप लोग जानते ही होंगे |  जुम्मन ने मुझे ता - हयात रोटी कपड़ा देना कबूल किया | साल भर तो मैंने उसके साथ रो -धोकर काटा था

 पर अब रात दिन नहीं सहा जाता......... बेकस बेवा हूं...... तुम्हारे सिवा और किससे अपना दुख सुनाओ ?..... मैं पंचों का हुक्म सिर माथे पर  चड़ाऊंगी |"

 

3. अलगू ने पंच बनने के झमेले से बचने के लिए बूढ़ी खाला से क्या कहा?

3.  अलगु जुम्मन शेख तथा खालायान के झमेले में फैसला नहीं चाहते थे |  वे कन्नी काटने लगे और बोले खाला तुम जानती हो कि मेरी  जुम्मन  से गाड़ी दोस्ती है| इस पर खालाजान बोली बेटा दोस्ती के लिए कोई अपना ईमान नहीं बेचते | खाला जान की इस बात पर जुम्मन ने पंच बनने की स्वीकृति दे दी |

 

4. अलगू चौधरी ने अपना क्या फैसला सुनाया?

4.  अलगु ने फैसला सुनाते हुए कहा जुम्मन शेख! पंचों ने इस मामले पर विचार किया | उन्हें नीति संगत मालूम होता है कि खालाजान को माहवार खर्च दिया जाए | हमारा विचार है कि खाला की जायदाद से इतना मुनाफा अवश्य होता है कि माहवार खर्च दिया जा सके | बस, यही हमारा फैसला है अगर जुम्मन  को खर्च देना मंजूर ना हो तो संपत्ति की रजिस्ट्री रद्द समझी जाए |

 

5.   अलगू चौधरी से खरीदा हुआ समझू साहू का बैल किस कारण मरा?

5. अलगू चौधरी से खरीदे हुए बैल को पाकर समझू साहु ने उस नए बैल को लगा कर दो  दौड़ाना आरंभ कर दिया |  वह दिन में तीन-तीन चार-चार बार उस पर बोझ ढोने लगा | पर उसे उसके ना चारे की फिक्र थी ना पानी की बस उसे माल ढोने की जल्दी थी | मंडी ले गए | वहां कुछ रुखा सूखा भूसा सामने डाल दिया | एक दिन चौथी बार साहू जी ने उस पर दोगुना बोझ लाद दिया | दिनभर के थके जानवर के पैर   तक ना उठते थे |  कोड़े खाकर कुछ दूर दौड़ा और धरती पर गिर पड़ा और ऐसा गिरा की फिर ना उठा |

6. सरपंच बनने पर भी जुम्मन शेख अपना बदला क्यों नहीं ले सका?

6. जब जुम्मन शेख अलगू चौधरी के मामले में सरपंच बनाया गया तो उसमें सहसा ही जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न हो गया | उसे लगा कि पंचों की वाणी में ही देवताओं की वाणी होती है और उसमें कोई भी कटता नहीं हो सकती | ऐसे विचार मन में आते ही जुम्मन शेख ने अपने अलगू से बदला लेने के फैसले को रद्द कर दिया |

 

7. जुम्मन ने क्या फैसला सुनाया?

7.   पंचों के साथ पूरी तरह परामर्श करके अंत में   जुम्मन ने फैसला सुनाया अलगू चौधरी और समझू साहू! पंचों ने तुम्हारे मसले पर अच्छी तरह विचार किया है |    समझू को उचित है कि बैल का पूरा दाम दे |जिस वक्त उन्होंने बैल लिया था उसे कोई बीमारी थी | अगर उसी समय दाम दे दिए जाते, तो झगड़ा ही खत्म हो जाता | बैल की मृत्यु केवल इस कारण हुई कि उससे बड़ा कठिन परीक्षण लिया गया और उसके दाने चारे का कोई अच्छा प्रबंध ना किया गया |

 

8.' मित्रता की मुरझाई हुई लता फिर हरी हो गई' - इस वाक्य का क्या अभिप्राय है?

8. इस वाक्य का अभिप्राय है कि जब अलग ने सरपंच बन कर जुम्मन के विरुद्ध फैसला लिया था तब से ही दोनों पक्के दोस्तों में शत्रुता हो गई थी | परंतु आज जुम्मन के अलगू के हक में फैसला लेने पर दोनों के दिल का मैल धुल गया था | और इसी के साथ उनकी मित्रता की मुरझाई हुई लता फिर हरी हो गई |

 

3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 6 - 7 पंक्तियों में दीजिए:

 

1. पंच परमेश्वर कहानी का क्या उद्देश्य है?

1 मुंशी प्रेमचंद अपनी इस प्रसिद्ध कहानी पंच परमेश्वर में इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि पंच की जुबान से खुदा बोलता है| वस्तुत इस कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने अपनी कहानी के उद्देश्य को पूर्णता चरितार्थ किया है |  न्याय के अतिरिक्त उसे कुछ नहीं सूझता |  इस कहानी का यही उद्देश्य है कि निष्पक्ष न्याय की सब और जय जयकार होती है | यदि किसी को न्याय करने का  उत्तरदायित्व दिया जाए तो उसे  काम , क्रोध,  मद, लोभ तथा   मोह से ऊपर उठकर केवल उचित न्याय करना चाहिए |

 

2. अलगु, जुम्मन और खाला में से आपको कौन सा पात्र अच्छा लगा और क्यों?

2. मुंशी प्रेमचंद जी की कहानी पंच परमेश्वर में अलगू चौधरी , जुम्मन  शेख तथा जुम्मन शेख की एक बूढ़ी खाला प्रमुख पात्र है | जहां तक अलगु चौधरी का संबंध है वह व्यक्ति ही हमें रुचिकर तथा अच्छा लगा क्योंकि उसने कभी भी किसी का अहित नहीं किया | समझू साहु से भी उसका विवाद इसलिए बना क्योंकि साहु उसके एक बैल के पैसे देने के लिए आनाकानी करने लगा था |  इसलिए  उसे अपने हितों की रक्षा के लिए पंचायत में जाना पड़ा था | अन्यथा उसका किसी  के भी  साथ  कोई     वैर विरोध नहीं था | अंत में जुम्मन शेख को अपनी भूल का एहसास होता है और वह अलगू को गले लगाकर  प्रायश्चित करता है |

3. दोस्ती होने पर भी अलगू   ने जुम्मन के खिलाफ फैसला क्यों दिया और दुश्मनी होने पर भी जुम्मन  ने अलगू के पक्ष में फैसला क्यों दिया?

 

3.   अलगूऔर जुम्मन में पक्की दोस्ती थी | वह एक दूसरे पर अटल विश्वास करते थे |   अत: जब खाला जान ने अपने लिए न्याय मांगा और अलगू चौधरी को जब सरपंच बनाया तो  जुम्मन  प्रसन्न हो उठा |  जुम्मन को पूरा विश्वास था कि  अब बाजी मेरी है | मेरा मित्र मेरे विरुद्ध कभी नहीं  जाएगा | पर दोस्ती होने पर भी अलगू ने जुम्मन शेख के खिलाफ फैसला इसलिए दिया कि  अलगू को हमेशा कचहरी से काम पड़ता था |   अतएव वह पूरा कानूनी आदमी था | यही कारण था कि मित्रता होने पर भी अलगू चौधरी ने  नीति- संगत बात करते हुए खाला जान के हक में अपना फैसला सुनाया |  दूसरी और दुश्मनी हो जाने पर भी जुम्मन  ने अलगू के पक्ष में फैसला इसलिए लिया क्योंकि जब जुम्मन शेख ने सरपंच का उच्च स्थान ग्रहण किया उसके मन में भी जिम्मेदारी का भाव पैदा हुआ और उसने वैर के भाव को  भूलाकर न्याय और धर्म का पालन करते हुए सरपंच  की गरिमा को ध्यान में रखकर और पिछली बातें भुलाकर अलगू चौधरी के पक्ष में न्याय संगत फैसला सुनाया |

4.  अलगू के पंच बनने पर जुम्मन  के प्रसन्न होने और जुम्मन  के पंच बनने पर अलगू के निराश होने का क्या कारण था ?

4.  अल्लू के पंच बनने पर जुम्मन इसलिए प्रसन्न था | क्योंकि वह भली भांति जानता था कि वे दोनों पुराने दोस्त हैं और जब भी काम पड़ा  अलगू  ने उसकी मदद की है |  अत: अब भी वह मेरी मदद ही करेगा और मेरे पक्ष में निर्णय लेगा |  तभी तो वह कहता है कि अब बाजी मेरी है | दूसरी और जुम्मन के पंच बनने पर  अलगू  इसलिए निराश होने लगा था क्योंकि वह जानता था कि  जुम्मन  के विरुद्ध पहले मैंने जो निर्णय लिया था उसका वह अवश्य ही मुझसे बदला लेगा | इसलिए उसका निराश होना स्वाभाविक था | इसीलिए सरपंच के लिए जुम्मन का नाम सुनते ही अलगू चौधरी का कलेजा धक-धक करने लगा, मानो किसी ने अचानक थप्पड़ मार दिया हो |