Wednesday, 16 December 2020

16) बचेंद्री पाल

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16) बचेंद्री पाल

 

1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियां में दीजिए:

 

1. बचेंद्री पाल ने बचपन में क्या दृढ़ निश्चय कर लिया था?

उत्तर:  बचेंद्री पाल ने बचपन से ही दृढ़ निश्चय कर लिया था कि वह परिवार में किसी से पीछे नहीं रहेगी और ना केवल वह करेगी जो लड़के करते थे, परंतु उनसे अच्छा करके दिखाएगी |



 

2. बचेंद्री पाल के माता-पिता किस बात से दुखी थे?

उत्तर:  बचेंद्री पाल का परिवार बहुत गरीब था |अत: उसके माता-पिता इस बात से दुखी थे कि उनके बच्चे ऐसे सपनों की दुनिया में रहते हैं जो कभी साकार नहीं हो सकते |

 

3.  बचेंद्री पाल ने किन मैदानी खेलों में कप जीते?

उत्तर:  बचेंद्री पाल कई मैदानी खेलों में भाग लेती थी | उसने जिन जिन खेलों में भाग लिया, अधिकांश में प्रथम रही | मैदानी खेलो - गोला फेंक, डिस्क फेक तथा लंबी दौड़ में बचेंद्री पाल ने अनेक कप जीते |

 

 

उत्तर:  उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु बचेंद्री पाल ने अपने प्रथम उद्देश्य की इच्छा को रोक कर रखा था, परंतु जब उन्होंने m.a., B.Ed कर लिया तब उन्होंने अपने आप को पर्वतारोहण के लिए पूरी तरह समर्पित कर दिया |

 

5.' रैपलिंग' का क्या अर्थ है?

उत्तर:  रैपलिंग का अर्थ है - उची चट्टान अथवा हिमखंड से नायलॉन की रस्सी के सहारे कुछ ही क्षणों में नीचे आना |

6. बचेंद्री पाल और अंग दोरजी ने बर्फ काटने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया?

उत्तर:  बचेंद्री पाल तथा अंग दोरजी को बर्फ को काटने हेतु बर्फ काटने के फावड़े का इस्तेमाल करना पड़ा |

 

7. एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन है?

उत्तर:  एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली प्रथम भारतीय महिला बचेंद्री पाल है |

 

8. एवरेस्ट पर आनंद के क्षणो में बचेंद्री पाल को किन का ध्यान आया?

उत्तर:  एवरेस्ट पर चढ़ने के आनंद के क्षणों में बचेंद्री पाल को अपने माता-पिता का ध्यान आया और वह उठकर और हाथ जोड़कर अंग दोरजी के प्रति आदर भाव से नत-मस्तक हो गई |

 

9. बचेंद्री पाल को कौन-कौन से पुरस्कार दिए गए?

उत्तर:  बचेंद्री पाल को पर्वतारोहण में श्रेष्ठता के लिए भारतीय पर्वतारोहण संघ का  प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक तथा अनेक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए | उन्हें पदम श्री तथा प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार देने की भी घोषणा की गई |

 

 

2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए:

 

1. 10 साल की आयु में ही बचेंद्री पाल निडर और   स्वतंत्र कैसे बन गई थी?

उत्तर:  बचेंद्री पाल बहुत बड़ी संपन्नदृष्टा थी | उसने कभी नहीं सोचा था कि कोई चीज उसकी पहुंच से बाहर है | अत: 10 साल की आयु में ही वह जंगलों और पहाड़ी दलानों पर प्राय: अकेली घूमा करती थी | इस प्रकार प्रकृति के साथ उसके उन्मुक्त व्यवहार ने उसे निडर तथा स्वतंत्र बना दिया था |

2. बचेंद्री पाल प्रतियोगिताओं के शुरू होने से पहले ही कौन-कौन से दौड़ का अभ्यास करना शुरू कर देती थी?

उत्तर:  बचेंद्री पाल हर तरह की बाहरी क्रीड़ा में विशिष्टता प्राप्त करना चाहती थी , विशेष रूप से लड़कों के साथ होने वाली प्रतियोगिताओं में | इसलिए वह दौड़ की वार्षिक प्रतियोगिताओं जैसे कि  3  टंगड़ी, सुई - धागे वाली दौड़ ,  बोरा दौड़ तथा सिर पर पानी भरा मटका रखकर होने वाली दौड़ आदि का अभ्यास प्रतियोगिताओं के शुरू होने से पहले ही पूरे परिश्रम से करती थी |

 

3. बचेंद्री पाल ने अपनी शिक्षा कैसे प्राप्त की?

उत्तर:  एक निर्धन परिवार की लड़की होने के कारण इनके पिता इसकी पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे | इन्होंने लगभग 13 वर्ष की आयु में आठवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की थी | परिवारिक मदद ना मिलने के कारण  वह हतोत्साहित नहीं हुई ,  अपितु उच्च शिक्षा   प्राप्त करने हेतु  वह दिन- रात मेहनत करने लगी और पढ़ाई का खर्च सिलाई - कढ़ाई करके जुटाने लगी | अपने मित्रों से  किताबें उधार लेकर देर रात तक बैठकर अध्यन करती | उसकी पढ़ाई के प्रति लगन और उत्साह को देखकर उनकी माता तथा बहन कमला ने उसके पिता से उसे आगे पढ़ाने की वकालत की | इस प्रकार बचेंद्री ने कठिन स्थितियों के बावजूद संस्कृत में  m.a. तथा B.Ed की शिक्षा प्राप्त कर ली |

4. बचेंद्री पाल ने नेहरू संस्थान के पर्वतारोही कोर्स में क्या क्या सीखा?

उत्तर:  बचेंद्री पाल पर्वतारोहण के लिए पूरी तरह समर्पित थी | अत : उसने घर में खाली बैठने की  बजाय नेहरू संस्थान के प्रारंभिक पर्वतारोही कोर्स में प्रवेश ले लिया | उन्होंने वहां बर्फ और स्थानों पर चढ़ने के तरीकों का अध्ययन किया और रैपलिंग के रोमांच का भी अनुभव किया | इस प्रकार नेहरू संस्थान से बचेंद्री पाल ने  चट्टान,  बर्फ और हिम पर चढ़ने की और अधिक  उच्च  तकनीक सीखी |

 

5. तेनजिंग ने बचेंद्री पाल की तारीफ में क्या कहा?

उत्तर:   जब बचेंद्री ने अपने परीक्षण तथा लगन से सीधी खरीद  ढलाऊ चट्टानो से उतरते समय संतुलन प्राप्त करना सीख लिया और अपने मन से ऊंचाई का डर भी निकाल दिया तब एक बार तेनजिंग ने हंसते हुए बचेंद्री पाल से कहा था कि," तुम एक  पक्की पर्वतीय लड़की हो, तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुंच जाना चाहिए |" तेनजिंग के यही शब्द बचेंद्री पाल के साथी बन गए |

6. एवरेस्ट पर पहुंचकर बचेंद्री पाल ने घुटनों के बल बैठ कर क्या किया?

 

उत्तर:  एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली प्रथम महिला बनने पर बचेंद्री अपने घुटनों के बल बैठ गयी, बर्फ को अपने माथे को लगाकर उसने सागरमाथे के ताज का चुंबन लिया | बिना उठे ही फिर उसने अपने थैले से दुर्गा मां का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला | उन्हें लाल कपड़ों में  लपेटा , छोटी सी पूजा - अर्चना की और बर्फ में दबा दिया | आनंद के उस क्षण में उसने अपने माता-पिता का स्मरण किया और हाथ जोड़कर दौरजी के प्रति अपना आदर भाव व्यक्त किया और उन्होंने भी उसे गले से लगा कर कहा, "मैं बहुत खुश हूं"|

 

3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 6 या 7 पंक्तियों में दीजिए:

 

1. बचेंद्री पाल का चरित्र चित्रण कीजिए|

उत्तर: 1954 में जन्मी बचेंद्री एक गढ़वाली लड़की जो दृढ़ संकल्प तथा स्वतंत्रता है | वह 10 वर्ष की आयु में जंगलों और पहाड़ियों पर प्राय : अकेली घूमा करती थी | उसका परिवार बहुत गरीब था , अत : वह बचपन में अपनी न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी असमर्थ थी | उसने लगभग 13 वर्ष की आयु में आठवीं की परीक्षा अच्छे अंकों में पास की थी और फिर  मेहनत करके तथा सिलाई- कढ़ाई का काम करके और पैसे जुटाकर संस्कृत में  m.a. तथा B.Ed की उच्च शिक्षा भी प्राप्त की | उसने कई क्रीड़ा  प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अनेक पुरस्कार तथा कप भी जीते |  उसने नेहरू संस्थान से पर्वतारोहण की प्रारंभिक शिक्षा भी प्राप्त की थी | एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाली  वह पहली भारतीय महिला है तथा विश्व की पांचवीं महिला |भारतीय पर्वतारोहण संग द्वारा उन्हें प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक  भी  प्रधान किया गया था तथा भारत सरकार ने उन्हें पद्माक्षी तथा  प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार देने की भी घोषणा की  है |

 

2. बचेंद्री पाल के एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने का वर्णन कीजिए |

उत्तर:  एवरेस्ट पर्वत जिसे नेपाली में सागरमाथा अर्थात स्वर्ग का  शीर्ष तथा संस्कृत में देवगिरि कहा जाता है , दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है , जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है | बचेंद्री पाल की तेनजिंग नारंगी ने जो नेपाली पर्वतारोही थे और जिन्होंने पहले व्यक्ति के रूप में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहला मानव कदम रखा था , एक बार यह कह कर प्रशंसा की थी कि , "तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो और तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुंच जाना चाहिए |" उनका यह कथन सही निकला | बचेंद्री पाल ने अपने पहले ही प्रयास में एवरेस्ट की चोटी पर विजय प्राप्त कर ली थी | अंग दोरजी के साथ जब बचेंद्री पाल 2 घंटे से कम समय में ही शिखर कैंप पर पहुंच गए तब उसकी सांस प्रसंता से मानो रुक सी गई थी परंतु तब उसे लगा कि सफलता बहुत नजदीक है | 23 मई, 1984 के दिन दोपहर के 1:07  मिनट पर बचेंद्री पाल एवरेस्ट की चोटी पर खड़ी थी तथा वहां पहुंचने वाली वह पहली भारतीय महिला थी |